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आपके सपने और संकल्प बड़े होने चाहिए, आपका सपना ही मेरा संकल्पः प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम को ग्वालियर में सिंधिया स्कूल फोर्ट के 125वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज आजाद हिंद सरकार का स्थापना दिवस भी है। सभी देशवासियों को इसकी बधाई देता हूं।

21 Oct 2023

आपके सपने और संकल्प बड़े होने चाहिए, आपका सपना ही मेरा संकल्पः प्रधानमंत्री मोदी

ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आपके सपने और संकल्प दोनों बड़े होने चाहिए। आपका सपना ही मेरा संकल्प है। हमेशा आउट ऑफ बॉक्स सोचिए। अपने आइडिया, सपने नमो एप पर शेयर करिए। उन्होंने कहा कि शॉर्टकट तात्कालिक लाभ पहुंचता है, लेकिन लॉन्ग टर्म की सोच के साथ काम करना होगा। जो भी व्यक्ति तात्कालिक स्वार्थ के लिए काम करता है। उससे समाज व राष्ट्र का नुकसान होता है।

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम को ग्वालियर में सिंधिया स्कूल फोर्ट के 125वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज आजाद हिंद सरकार का स्थापना दिवस भी है। सभी देशवासियों को इसकी बधाई देता हूं। इस गौरवमयी इतिहास से जुड़ने का मौका दिया। यह इतिहास सिंधिया स्कूल का भी है और एतिहासिक ग्वालियर शहर का भी है। संगीत सम्राट तानसेन, महादजी सिंधिया, विजयाराजे सिंधिया, अटल बिहारी बाजपेयी, उस्ताद अमजद अली जैसे लोगों का निर्माण ग्वालियर की धरती करती है। यह धरती नारी शक्ति और वीरांगनाओं की तपस्या स्थली है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्वालियर आना अपने आप में बहुत सुखद होता है। दो और वजहों से ग्वालियर से नाता है। एक, काशी का सांसद हूं, हमारी संस्कृति संरक्षण में सिंधिया परिवार की भूमिका रही है। काशी में कई घाट बनवाए हैं। आज जिस प्रकार काशी का विकास हो रहा है, उसे देखकर महारानी बैजाबाई, महाराज माधवराज को प्रसन्नता होती होगी। ग्वालियर से दूसरा कनेक्शन ज्योतिरादित्य गुजरात के दामाद हैं। इस नाते भी ग्वालियर से रिश्तेदारी है। मेरा गांव गायकवाड़ स्टेट का गांव है। मेरे गांव में प्राथमिक स्कूल गायकवाड़ परिवार ने बनवाया।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा गया है कि सज्जन व्यक्ति जैसा मन में सोचते हैं, वैसा कहते भी हैं और करते भी हैं। यही एक कर्त्तव्य परायण व्यक्ति की पहचान होती है। कर्त्तव्यनिष्ठ व्यक्ति तात्कालिक लाभ के नहीं, आगामी पीढ़ियों के भविष्य के लिए काम करते हैं। यदि एक शताब्दी का सोच रहे हैं तो शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं बनाइए। माधवराव प्रथम ने इस बात को पूरा किया। उनकी यही सोच भी आने वाली पीढ़ियों को उज्ज्वल बनाने के लिए काम किया। सिंधिया स्कूल उनकी दूरगामी सोच का परिणाम थी। आने वाली पीढि़यों के लिए जल संरक्षण पर भी ध्यान दिया। उस समय पानी के लिए एक बड़ी व्यवस्था बनाई। हरसी डेम 150 साल बाद भी एसिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है। आज भी यह काम आ रहा है।

उन्होंने कहा कि देश ने 2014 में जब प्रधानसेवक का दायित्व दिया, हमने अलग-अलग समय सीमा रखकर काम किया है। पिछले 10 सालों में लांगटर्म फैसले लिए। देश को कितने ही पैंडिंग बोझ से दूर किया। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया। पूर्व फौजियों को वन रैंक वन पेंशन दी। जीएसटी को लागू किया। तीन तलाक के खिलाफ भी कानून हमारी सरकार के दौरान बनाया। कुछ सप्ताह पहले महिलाओं को रिजर्वेशन के अधिनियम को लागू किया। कोशिश यही है कि यंग जनरेशन के लिए देश में एक पॉजिटिव माहौल बने। एक ऐसा माहौल जिसमें आपकी जनरेशन के पास अवसरों की कमी न हो। ऐसा माहौल हो कि देश का युवा बड़े सपने देखे और प्राप्त करे।

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